Tuesday, October 30, 2007

वादा तोड़ा है मैंने, रोज़ एक का वादा था..

यह सपने मत दिखाओ मुझे,
टूटते हैं सपने, टूटता हूँ मैं,
जुड़ते हैं सपने, बंटता हूँ मैं,
सच सपने की चाकी यह, पिसता हूँ मैं
काश! यह सपने आपको भी आते..

मुकद्दर लिखो इन सपनों का अब तुम,
मुकम्मल करो इन सपनों को अब तुम,
सपनों सा जीवन होगा, जीवन एक सपना
अपूर्व सुन्दर होगा, निर्मल प्रेम अपना
काश! यह सपने आपको पा जाते...

दास्तान तुम मेरी बनो हम तेरे अफ़साने
किस्से चर्चे चले हमारे सपनों से दीवाने
ये दीवाने सपने, हमें पागल क्यों नहीं बनाते
काश! यह सपने आपको मिल जाते ...

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